एचएमपी (HMP) वायरस की दस्तक और चौतरफा बिकवाली से शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
सोमवार को एचएमपी (HMP) वायरस की दस्तक और चौतरफा बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट ने न केवल निवेशकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया, बल्कि पूरे बाजार को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई और विभिन्न सेक्टरों के सूचकांकों में भी नुकसान हुआ। खासकर पावर, सर्विसेज, मेटल और एनर्जी जैसे सेक्टरों में बड़ी बिकवाली देखी गई। इस गिरावट के कारण निवेशकों को 10.98 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो कि एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
एचएमपी वायरस का प्रभाव और बाजार में गिरावट
एचएमपी वायरस के प्रसार ने बाजार में हलचल मचा दी। वायरस के बढ़ते मामलों और इससे संबंधित चिंताओं के कारण निवेशकों के मन में डर और अनिश्चितता का माहौल बना, जिससे भारी बिकवाली का दौर शुरू हुआ। यह बाजार के लिए “ब्लैक डे” साबित हुआ, जिसमें अधिकांश स्टॉक्स और इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। एचएमपी वायरस के खतरे ने निवेशकों को सतर्क कर दिया और उन्होंने अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाजार से बाहर निकलने का प्रयास किया। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय शेयर बाजार ने एक बड़ा नकारात्मक दिन देखा।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,258.12 अंक यानी 1.59% की गिरावट के साथ 77,964.99 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 1,441.49 अंक तक लुढ़कने का सामना किया, जिससे यह गिरावट और भी गहरी हो गई। निफ्टी भी 388.70 अंक यानी 1.62% की गिरावट के साथ 23,616.05 अंक पर बंद हुआ। इन दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट ने निवेशकों के लिए एक निराशाजनक दिन बना दिया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी क्रमशः 2.44% और 3.17% टूटे, जिससे छोटे और मझोले निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ।
अधिकांश स्टॉक्स में गिरावट
बीएसई पर कुल 4,245 कंपनियों के शेयरों का कारोबार हुआ, जिनमें से 3,474 कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, जबकि केवल 656 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। निफ्टी में 43 कंपनियों के शेयर गिरे, और केवल 7 कंपनियों के शेयरों में लिवाली हुई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि बाजार के अधिकांश हिस्से में नुकसान हुआ था। प्रमुख नुकसान वाले स्टॉक्स में टाटा स्टील, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, पावरग्रिड, जोमैटो, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़े नाम शामिल रहे। इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट ने बाजार में और भी निराशा का माहौल पैदा किया।
मार्केट कैप में भारी गिरावट
चौतरफा बिकवाली के कारण बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में ₹10,98,723.54 करोड़ की गिरावट आई। इस गिरावट के बाद बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹4,38,79,406.58 करोड़ रह गया। यह गिरावट दर्शाती है कि निवेशकों ने बाजार से अपना पैसा निकालने की कोशिश की, और इसने कंपनियों की वैल्यू को भी प्रभावित किया। बाजार पूंजीकरण में यह कमी न केवल बाजार की अस्थिरता को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में निवेशकों के लिए बाजार में संतुलन की कमी का संकेत भी देती है।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि एचएमपी वायरस के प्रसार ने निवेशकों के मन में चिंता बढ़ा दी है, और इसकी वजह से बाजार में अस्थिरता बढ़ी है। इसके अलावा, कंपनियों के तिमाही नतीजों को लेकर अनिश्चितता और एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की बिकवाली ने भी बाजार पर दबाव डाला। विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी और बैंक निफ्टी 200-DMA (200 दिन की मूविंग एवरेज) के नीचे गिर चुके हैं, जो तकनीकी दृष्टिकोण से नकारात्मक संकेत है। इस गिरावट ने बाजार में और भी डर पैदा कर दिया है और निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया है।
निवेशकों के लिए आउटलुक
बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। मौजूदा अस्थिरता के कारण, किसी भी निवेश निर्णय से पहले अच्छे विश्लेषण की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की अस्थिरता निकट भविष्य में बनी रह सकती है, और इसलिए निवेशकों को अपनी रणनीतियों में लचीलापन बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, लंबी अवधि के निवेशकों को भी बाजार की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है और त्वरित निर्णय से बचने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
एचएमपी वायरस के प्रसार और चौतरफा बिकवाली के कारण सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी नुकसान हुआ और विभिन्न सेक्टरों के सूचकांकों में भी गिरावट आई। बाजार की अस्थिरता और अनिश्चितता के कारण निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ और कुल मार्केट कैप में भारी गिरावट आई। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति में निवेशकों को सतर्क रहना और अच्छे विश्लेषण के बाद ही निवेश निर्णय लेने चाहिए।