भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: SIP निवेशक क्यों हो रहे हैं घबराए?
भारतीय शेयर बाजार पिछले एक महीने से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता और तनाव का माहौल है। विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से संबंधित धमकियों ने बाजार में मंदी की स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस मंदी का असर अब SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) पर भी साफ तौर पर देखा जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में निवेशक अपनी SIP को बंद कर रहे हैं।
🚨 SIP Stop Ratio में तगड़ी उछाल!
जनवरी 2025 में SIP स्टॉपेज का आंकड़ा 61.33 लाख तक पहुंच गया, जबकि दिसंबर 2024 में यह 44.90 लाख था। इसका मतलब है कि एक महीने में SIP बंद करने वालों की संख्या में 82.73% की बढ़ोतरी हुई है। यह SIP स्टॉपेज में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। इसका मुख्य कारण शेयर बाजार में चल रही गिरावट और निवेशकों का डर हो सकता है। कई लोग डर के कारण अपने निवेश को बंद कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग गिरावट को अवसर मानते हुए निवेश बनाए रख रहे हैं।
💥 SIP से बाहर निकलने वालों में कौन आगे है?
विशेष रूप से मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश करने वाले निवेशकों में सबसे ज्यादा घबराहट देखने को मिली है। इन क्षेत्रों में लंबे समय से तेजी देखने को मिली थी, लेकिन अब बाजार में इन फंड्स में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में रिटेल निवेशक अपनी SIP को रोक रहे हैं, जिससे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कारण निवेशक अपनी निवेश रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
SIP जारी रखें या रोक दें? एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
अब सवाल यह है कि क्या निवेशकों को अपनी SIP जारी रखनी चाहिए या इसे बंद कर देना चाहिए? इस बारे में वित्तीय विशेषज्ञों की राय कुछ इस प्रकार है:
📌 आशीष सोमैया (CEO, WhiteOak Capital AMC)
आशीष सोमैया का कहना है, “बाजार की अस्थिरता लंबी अवधि में रिटर्न को बेहतर बना सकती है। जब बाजार डाउन होता है, तो SIP को जारी रखना समझदारी भरा फैसला होगा।” उनका मानना है कि बाजार की गिरावट एक अवसर भी हो सकती है, क्योंकि जब शेयर सस्ते होते हैं, तो लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।
📌 राधिका गुप्ता (MD & CEO, Edelweiss Mutual Fund)
राधिका गुप्ता का कहना है, “इतिहास गवाह है कि मंदी के दौरान SIP जारी रखने से लॉन्ग-टर्म में जबरदस्त फायदा मिलता है। गिरावट से घबराने के बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखें।” उनका मानना है कि बाजार की गिरावट के दौरान निवेशकों को घबराने के बजाय निवेश को जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकता है।
🔎 मार्केट क्यों गिर रहा है? कौन हैं जिम्मेदार?
भारतीय शेयर बाजार की गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं:
🔻 विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली:
जनवरी 2025 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजारों से ₹25,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है। विदेशी निवेशकों की यह बिकवाली भारतीय बाजार पर दबाव बना रही है। जब विदेशी निवेशक अपने निवेश को घटाते हैं, तो भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ जाता है।
🔻 डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कुछ देशों पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इसके चलते वैश्विक बाजारों में अस्थिरता का माहौल बन गया है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है। ट्रंप की धमकी ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया है, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आई है।
🔻 मिडकैप और स्मॉलकैप में करेक्शन:
मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स हाल ही में ओवरवैल्यूड हो गए थे। इन क्षेत्रों में तेजी के बाद अब करेक्शन आ रहा है, जिससे इन फंड्स में बिकवाली हो रही है। जब स्टॉक्स ओवरवैल्यूड हो जाते हैं, तो इनमें गिरावट आना स्वाभाविक है। इस करेक्शन ने निवेशकों को और अधिक चिंता में डाल दिया है।
क्या करें निवेशक?
इस मंदी के दौर में निवेशकों के लिए सबसे अहम सवाल यह है कि वे अपनी SIP को जारी रखें या बंद कर दें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि SIP को जारी रखना बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि बाजार की गिरावट के बावजूद लंबी अवधि में इसके फायदे हो सकते हैं। SIP के माध्यम से नियमित रूप से निवेश करने से निवेशक बाजार की उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए भी अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
अगर निवेशक अपने SIP को जारी रखते हैं, तो वे गिरावट के समय सस्ते भावों पर शेयर खरीद सकते हैं, जो भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि, यदि कोई निवेशक बाजार की स्थिति से घबराकर अपना निवेश रोकता है, तो वह संभावित रूप से लंबी अवधि में लाभ से वंचित रह सकता है।
इसलिए, निवेशकों को इस समय घबराने की बजाय समझदारी से फैसले लेने चाहिए और अपनी लंबी अवधि की निवेश रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।